मंगलवार, 3 मई 2011
आज महिषासुर के कब्जेमे है"माँ दुर्गा की भुमी"
दुर्गासप्तशती के ऋगबेदोक्त देवीसुक्त मे बर्णित,भारतबर्ष के नागरशैली की अनुपम कृतियोँ मे एक,बिहार राज्य के पच्छिम चम्पारण के मुख्यालय बेतिया नगर स्थित "दुर्गा बाग" मंदिर के तमाम 12 एकड़ भुखण्डो को आज महिषाशुर अपने मनमाने ढंग से बेच रहाहै,यहाँ के तमाम शक्तिशाली लोग मुकदर्शक बनकर उनका मनोबल बढ़ा रहे है, लेकिन प्रतिकारक देवदुत की प्रतिक्षा हम सबको है, "शमाबुझकर भी जल सकती है,नौका तुफान से निकल सकती है,इसदेश के तमाम धर्मरक्षको निराश नाहो,हालत कभी भी बदल सकती है"
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Trust in power of Durga.
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