गुरुवार, 6 दिसंबर 2012

इस ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण व सम्बर्धन में अपना अंशदान दे कर पुण्य अर्जित करें


भारतवर्ष के बिहार राज्य के पच्छिम चम्पारण के मुख्यालय स्थित बेतिया शहर का गौरव, देवासुर संग्राम मे देवताओ के बिजय का प्रतिक चिन्ह, अनेको ऋषियोँ व राजबंशो का गौरव गाथा अपने मे समेटे यह नागर शैली की अनुपम कृती एवं प्रतीदिन अर्थाभाव एवं समय के थपेड़ो से घायल सार्वजनिक शोषण का शिकार यह दुर्गाबाग आज कोर्ट ऑफ वाड्स के अधिन अपने उद्धारक एवं सहयोगीयोँ की बाट जोह रहा है,1500 रुपया से अधिक या ८० घंटा बार्षिक श्रम   सहयोग  देसकने मे सक्षम भक्त स्थाई सहयोगी सुची मेँ अपना नाम अवश्य दर्ज करावे, आपके जनसहयोग से ही ये तमाम नितांत कार्य आपके सहयोग की गतिसे ही सम्पन्न कराये जाएंगे, - 1:-"मन्दिर मरम्मती व सौन्दर्य करण तथा रंग-रोगन" का कार्य
2:-"
मंदिर के 11एकड़ 60डिसमिल भुखण्ड की चरदिवारी निर्माण", आठ गेट व फाटक निर्माण, मंदिर मे विशेष अवसरो पर उमड़ने वाली अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित व पंक्तिब्द्ध करने के लिए मंदिर के तालाब के पास के अति प्राचीन महाकाल मंदिर से माँ दुर्गा के गणेश मंदिर तक ओवर ब्रिज का निर्माण व व्यवस्था 

3:- हनुमान मंदिर के पूरब वाले भूखंड मे " बाहन पार्किँग, अष्टयाम स्थल,  खान-पान-स्थल, छेका-स्थलयात्रीपड़ावसार्बजनिक-शौचालय तथा स्नानस्थल का निर्माण":-" व बैठका की व्यवस्था
4:-बाहरी तीर्थ-यात्रियों व अतिथियों के सुविधार्थ 
पाँच-पाँच शौचालय से युक्त"36पलैट अत्याधुनिक सुबिधाओ से लैस धर्मशाला निर्माण तथा प्रवचन स्थल निर्माण आज अविलंब व नितांत है 
आप-सब अपना सहयोग शाक्त-समाज के वार्षिक सहयोगी बनकर दें,  राकेश चन्द्र झा बब्लू, (संचालक व बेतिया-राज-पुजारी) के नाम से या सीधे सम्पर्क करके दें (पावती रशीद अवश्य ले) या दान पात्र मे गुप्त-दान करे
अधिक जानकारी के लिए फोन करे 06254238572 
या +919431491033(आपके द्वारा दिया गया चंद सहयोग हिं यहाँ खोलेगा विकाश व सौनदर्यीकरन का बंद दरवाजा)