शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

बेतियाराज के मन्दिर कर्मियों का बंधुआ मजदूरी की प्रथा बंद हो

सेवा में,
      श्रीमान व्यवस्थापक महोदय , बेतिया राज
        अंडर कोर्ट-ऑफ वाड्स 
१९६६ ई० से हीं बिना किसी रख-रखाव, सफाई-सुरक्षा, पर्यटन-विकास व पोषण हींन मन्दिरों का डाक बंद हो ,बेतिया राज के मन्दिर व पुजारियों के बेलगाम शोषण व बंधुआ मजदूरी की प्रथा बंद हो तथा मन्दिर कर्मियों को भी कार्य अवधि के अनुशार भुगतान की व्यवस्था एवं अतिक्रमण मुक्ति की व्यवस्था किया जाय मुझे नया मन्दिर अधीक्षक बनाएं,ताकि रख रखाव की पूर्ववत व्यवस्ता रह सके,अन्यथा मन्दिर कर्मियों का कार्यक्षेत्र निति निर्धारित करके ठेकेदार परम्परा के अनुसार सभी मन्दिर मुझे 30 वर्षो के लिए समान्य व निर्धारित दर से किराये पर दिया जाय, इस पुनीत कार्य के लिए हम सब सपरिवार आपके आभारी रहेंगे, b9431491033@gmail.com / 238572 / 9470206447
सूचनार्थ
श्रीमान-जिलाधिकारी-महोदय,पच्छिम-चम्पार-बिहार                                    
श्रीमान-पुलिस-अधीक्षक-महोदय,महोदय, पच्छिम चम्पारण , बिहार                        

पुलिस-उप-महा-निरीक्षक-महोदय,चम्पारण,बिहार 

रविवार, 5 फ़रवरी 2017

सरस्वती पूजा पर बिचार्नीय प्रश्न

मित्रो , सरस्वती पूजा  हिन्दुओं का महोत्सव है, हमे अपने अपने शिक्षण संस्थाओं में मनाना भी चाहिए, मै भी बेतिया समेत कई जगह पूजा करने जाता हूँ जहाँ पूजा की परोपकारी झलक दिखती है, ,..... वही कई जगह चंद आताताइयो द्वारा आक्रामक होकर रंगदारो की भांति मनाने की शास्त्र बिरोधी परम्परा अपनाने वालो रोके, बाहनों व आने जाने वाले पथिको को प्रताड़ित कर जबरन वशूली , अश्लील गानों पर नृत्य, एक परम्परागत कुरीति का रूप ले रहा है, जिसके चलते सरस्वती पूजा के कुछदिन पूर्व सेहीं तमाम बाहन चालको में अनिश्चित स्थानों पर अनियंत्रित तरीकों से वशुली का आतंक व्याप जाता है, माँ, सरस्वती पूजा उर्दू अमना समेत सभी शिक्षण संस्थानों में हो यह भी सुनिश्चित किया जाये,  वही अपनी रंगदारी दिखानेवाले व वसूलने वाले संस्थान का समाजिक बहिष्कार हो

बुधवार, 4 जनवरी 2017

भगवतीचरण बंदना की बाकी पंत्तियाअब आप सब माँ सर्वेश्वरी के भक्ति में लीन हो कर पूरा करें

जगसे होके मै निराश तेरे दरबार में आया हूँ, पूरा करदे मेरी आस,तेरे दरवार में आया हूँ, महिषासुर शुम्भ निशुम्भ ने जब,धरती पर अत्याचार किया, तूने रूप अनेको धरके माँ , उन दुष्टों का संहार किया, हल्का किया धरती का भार, तेरे दरबार में आया हूँ,स्नान ध्यान जप तप पूजा, तेरे चरणों में अर्पित है, जो कुछ भी है पास मेरे , मातेश्वरी तुझे समर्पित है,सर्वेश्वरी तुझे समर्पित है, पूरा करदे मेरी आस , तेरे दरवार में आया हूँ , जगसे होक मै........