शुक्रवार, 6 मई 2011

माँ दुर्गाके जमिनपर महिषाशुरका कब्जा,देव भक्तो बचाओ

भारतबर्ष के नागर शैली की अनुपम कृतियो मे एक बिश्व का एकलौता सर्वेश्वरी दुर्गा पिठ बिहार का बेतिया स्थित दुर्गाबाग मंदिर के तमाम 12 एकड़ भुखण्डो पर भी अतिक्रमणकारियों का जन सैलाब टुट पड़ा है,लेकिन जिला प्रशासन, बेतिया राज तथा तमाम जन सहयोगी निगाहे व भक्तगण मुक दर्शक बने अपना मनोरंजन कर इन अतिक्रमणकारियो का मनोबल बढ़ा रहे है .जबकी अतिक्रमण मुक्ती की पहल चारदिवारी निर्माण बिना अधुरी है,. . . इसे पुरा करने के लिये तमाम हिन्दु  नागरिक(ब्यवशाइ, भक्तगण तथा पुजारी) अपने तन,मन और धन के साथ इस ऐतिहासीक कार्य को पुरा करा सकने मे सक्छम देवदुत की प्रतिक्षा मे रत् है ताकी यहा सर्वाधिक भक्तो को सफाइ सुरक्छा व धर्मशाला आदि मुल सुविधा भी मिल सके,…  "जिला प्रशासन द्वारा इसे ध्वनी-बिस्तारक-प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित" करने का एक सुचना पट्टतो लगाया गया है, लेकिन प्रशासन का ही एक बिभाग जिला अनुमण्डल उसकी अनदेखी कर लाउड स्पीकर तथा साउण्ड बक्स बजाने की अनुमती बेरोक टोक <पुजारी के अनुशंसा बिना ही>प्रदान कर रहा है
यहाँ एकसाथ 6 अष्टयाम तक एकसाथ होते रहते है
ऐसे मे पुजापठियो के आलावे अगल बगल के तमाम शिक्षण संस्थाओ,छात्रवासो, आवासो मे रह रहे लोगो के आलावे सबको अनेको कठिनाइयाँ हो रही है
"प्रशासन ध्वनी प्रतिबंधित क्षेत्र घोशणा का अपना बोर्ड हटाले या
उसे नियंत्रित करने का पहल स्वयं करे
"जब प्रशासन ही मौन,तो सुनेगा कौन,"

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